उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, लिहाजा सूबे में सियासी जंग तेज हो गई है। इस जंग का नया कुरुक्षेत्र बन रहा है, सालों से सूखे और सियासी उपेक्षा का शिकार रहा बुंदेलखंड। यहां की बंजर हो चुकी धरती पर वोटों की फसल काटने की लड़ाई जोरों पर है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी प्रदेश में पार्टी का खोया जनाधार पाने के लिए बुंदेलखंड की तरफ टकटकी बांधे देख रहे हैं और हर किस्म के सियासी टोने-टोटके कर रहे हैं। कांग्रेस की ताजा कोशिशों ने विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। राहुल बाबा के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बंदेलखंड के लिए नित नये पैकेजों की घोषणा करते नजर आ रहे हैं। राहुल इससे पहले भी बुंदेलखंड के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करा चुके हैं जिसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर पहले ही शुरू हो चुका है। यहां एक सवाल उठता है कि राजनीति की जंग में सियासी दल तो वोटों की फसल काटेंगे लेकिन जनता को क्या हासिल होगा। पूरे मुद्दे की पड़ताल करती विनीत सिंह की एक रिपोर्टः-
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