स्कूल कॉलेजों में ताले पड़ गए... परीक्षाएं तक स्थगित हो गईं... और तो और घर से बाहर निकलना तक मुहाल हो चुका है, लेकिन कोरोना की इस दशहत के आगे कोटा के कोचिंग संस्थान घुटने टेकने को राजी नहीं। इस भयावह बीमारी की दहशत को परे धकेल यहां अब भी लगातार क्लासेज चल रही हैं। इस नामुमकिन टॉस्क को मुमकिन कर दिखाया है कोटा कोचिंग के 2.0 वर्जन ने। जिससे कोटा कोचिंग के परंपरागत क्लासरूम स्टूडेंट्स ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कर रहे देश भर के 3.7 लाख से ज्यादा बच्चे जुड़ चुके हैं।
आईआईटी, ट्रिपल आईटी, एनआईटी, एमएनआईटी और देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिलों के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पांच अप्रेल से लेकर 11 अप्रेल तक जेईई मेन्स एग्जाम के दूसरे चरण की परीक्षाएं हैं। इसके बाद 17 मई को जेईई एडवांस की परीक्षा है। जबकि एम्स के साथ साथ देश भर में फैले मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों के लिए एनटीए तीन मई को नीट 2020 परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। इन तीनों परीक्षाओं में देश भर के 50 लाख से ज्यादा बच्चे शामिल होते हैं। मार्च के महीने में परीक्षा की तैयारी आखिरी दौर में होती है, लेकिन 'कोरोना कर्फ्यू की चपेट में आने के बाद पूरा मुल्क लॉकडाउन हो चुका है। स्कूल कॉलेजों की तो बात छोडि़ए प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान तक एहतियातन बंद कर दिए गए हैं।
मुश्किल में फंसे बच्चे
अकेले कोटा में करीब 2.50 लाख बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षाओं की तैयारी के लिए मार्च का महीना पीक टाइम होता है। देश भर के कोचिंग संस्थानों में इस वक्त दिन रात रिवीजन से लेकर, टेस्ट प्रेक्टिस और डाउट क्लासेज चलते, लेकिन 'कोरोना कर्फ्यू' के बाद लॉकडाउन हुए क्लासरूम में फिलवक्त सन्नाटा पसरा है। बच्चे घर, हॉस्टल्स और मैस तक ही सिमट कर रह गए हैं। कोचिंग तक जाकर पढ़ाई करना तो दूर टीचर्स से बात करना तक दूभर हो चुका है।
मुश्किल का तोड़ 2.0 वर्जन
'कोरोना कर्फ्यू' के चलते जेईई मेन्स, एडवांस और नीट एग्जाम के लास्ट ऑवर्स में देश भर के स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी खटाई में पड़ती नजर आ रही है, लेकिन कोटा कोचिंग्स में पुरानी रफ्तार से ही लगातार क्लासेज चल रही हैं। इस लॉकडाउन को तोडऩे के लिए कोटा कोचिंग्स ने 2.0 वर्जन यानि डिजिटल क्लासेज लांच की हैं। जिनसे कोटा में आकर पढ़ाई करने वाले ढ़ाई लाख विद्यार्थी ही नहीं, देश भर के करीब चार लाख बच्चे जुड़कर इंजीनियर और डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने में जुटे हैं।
बेहद आसान है पढ़ाई का तरीका
कोटा के कोचिंग संस्थान अपने डिजिटल वर्जन 2.0 में परंपरागत क्लासरूम क्लासेज से कई गुना ज्यादा सुविधाएं बच्चों को मुहैया करा रहे हैं। किसी एक सब्जेक्ट की तो बात छोडि़ए एक एक टॉपिक के लिए मोबाइल एप और पोर्टल के जरिए 10 से 15 टीचर्स अलग अलग ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। एक ही टॉपिक को 8 से 10 अलग अलग तरीकों से पढ़ाया और समझाया जा रहा है, ताकि विद्यार्थी टॉपिक से जुड़े सवाल और उसे हल करने के तरीके को आसानी से समझ सकें और उन्हें जिस शिक्षक की पढ़ाई का तरीका बेहतर लगे उसे कंटीन्यू कर सकें। जबकि परंपरागत क्लासरूम कोचिंग में विद्यार्थियों को इस तरह के चुनाव का मौका ही नहीं मिलता। शिड्यूल्ड और लाइव क्लासेज
कोटा के कोचिंग संस्थानों के साथ साथ दक्षिण कोरिया की नामचीन ऑनलाइन एजुकेशन कंपनी भी कोटा में अपना सैटअप लगाकर जेईई और नीट की ऑनलाइन कोचिंग मुहैया करा रही है। कोटा बेस्ड डिजिटल कोचिंग्स मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे बच्चों को 70 हजार घंटे के रिकॉर्डिड वीडियो लेक्चर के साथ साथ 30 हजार घंटे से ज्यादा की शिड्यूल्ड वीडियो क्लासेज और 24 घंटे लाइव क्लास मुहैया करा रहे हैं। वीडियो के साथ साथ टेक्स्ट फॉर्मेट में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बायो का स्टडी मटेरियल 10 लाख टॉपिक कंटेंट, 3 लाख से ज्यादा टेस्ट सीरिज, 12 लाख से ज्यादा सवालों और 20 लाख से ज्यादा सॉल्व इक्वेशन का आकार ले चुका है। बड़ी बात यह है कि अधिकांश स्टडी मटेरियल विद्यार्थियों को मुफ्त में उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि शिड्यूल्ड क्लासेज परंपरागत क्लासरूम की तरह तय समय पर हो रही हैं।
हाथों हाथ सॉल्व हो रहे डाउट
कोटा कोचिंग 2.0 की बड़ी खासियत यह है कि डिजिटल एजुकेशन दे रहे संस्थान बच्चों को लाइव डाउट सॉल्विंग प्रेक्टिसेज भी प्रोवाइड करा रहे हैं। जिससे बच्चे का बौद्धिक स्तर, उसके सवाल समझने और उसे हल करने में लगने वाला वक्त का पता करने के साथ साथ विषय के किस हिस्से पर पकड़ है और किस टॉपिक में कमजोर है आदि का डेटा भी इकट्ठा हो रहा है। हाईटेक टूल्स के जरिए बच्चों की वीकनेस आईडेंटिफाई करने के बाद उसे खत्म करने के लिए इससे जुड़ी एक्स्ट्रा प्रेक्टिस भी प्रोवाइड कराई जा रही है। बड़ी बात यह है कि सारा स्टडी मटेरियल और प्रेक्टिसेज कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाली आईआईटियंस और डॉक्टर्स फैकल्टी ही तैयार कर रही हैं। डिजिटल टेस्ट सीरिज के जरिए वह बच्चों को ऑनलाइन एग्जाम की भी प्रेक्टिस करवा रहे हैं।
100 करोड़ का कारोबार
कोटा में करीब सात साल पहले ऑनलाइन कोचिंग की शुरुआत हुई थी, लेकिन कोरोना की दहशत के बाद सभी प्रमुख संस्थान डिजिटल कोचिंग में कदम रख चुके हैं। अर्थशास्त्री डॉ. गोपाल सिंह नरूका की मानें तो कोटा कोचिंग 2.0 वर्जन की ब्रांड वेल्यू एक हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। कोरोना की दहशत शुरू होने के बाद इन्होंने अपने यहां पढऩे वाले बच्चों के साथ साथ मुश्किल में फंसे देश भर के बच्चों के लिए भी अपने डिजिटल प्लेटफार्म के दरवाजे खोल दिए। अर्थशास्त्री डॉ. कपिल देव शर्मा बताते हैं कि डिजिटल कोचिंग के जरिए अभी तक कोटा सालाना 70-80 करोड़ का रेवेन्यू ही जनरेट कर रहा था, लेकिन कोरोना की दहशत के बाद रेवेन्यू कलेक्शन का यह आंकड़ा 100 करोड़ के पार जा चुका है। सफलता की रफ्तार यही रही तो साल 2050 तक यह डेढ़ हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा।
एक्सपर्ट की जुबानी सफलता की कहानी
कोटा कोचिंग का 2.0 वर्जन तेजी से सफलता हासिल कर रही हैं। देश भर में 'कोरोना कर्फ्यू' लगे होने के बावजूद ऑनलाइन कोचिंग की वजह से ही कोटा ही नहीं देश भर के जितने भी बच्चे इस प्लेटफार्म से जुड़े हैं वह परीक्षाओं से ठीक पहले मुसीबत में फंसने के बजाय घर बैठकर क्लासरूम स्टडी की ही तरह नियमित और पूरी सहूलियत के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। नीट, जेईई मेन्स और एडवांस एग्जाम की तैयारी कर रहे देश भर के करीब चार लाख बच्चे इससे जुड़ चुके हैं। अब अगले पांच साल में 30 लाख बच्चों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
- प्रमोद माहेश्वरी, अकादमिक निदेशक, करियर पाइंट
कोटा के बेहतरीन शिक्षक, उनके पढ़ाने का लाजवाब तरीका और संस्थानों में विकसित हुई डेली लर्निंग प्रेक्टिस एवं टेस्ट सीरिज ने कोटा कोचिंग 2.0 को तेजी से सफलता दिलाई है। 'कोरोना कर्फ्यू' जैसे हालात में भी बच्चे आसानी से बेहतर और नियमित पढ़ाई कर पा रहे हैं। कोटा के स्वर्णिम विकास के लिए डिजिटल कोचिंग नया अवसर बनकर उभरा है। बस हैदराबाद और पूणे जैसी आईटी सिटीज की तरह टेक्नोलॉजी और एकेडमिक्स के महारथियों को जोडऩे की जरूरत है।
- नितिन विजय, प्रबंध निदेशक, मोशन क्लासेज
इंजीनियरिंग और मेडिकल में दाखिलों के लिए कोटा कोचिंग वल्र्ड वाइड ब्रांड है। यहां मौजूद बेहतरीन शिक्षक और उनके द्वारा तैयार किया गया क्वालिटी कंटेंट एवं परीक्षाओं की तैयारी कराने के तरीकों का कोई तोड़ नहीं है। इसीलिए मल्टी नेशनल डिजिटल एजुकेशन प्रोवाइडर कोटा आकर अपना बेस कैंप स्थापित कर रहे हैं। विदेशी कंपनियों के आने से कोटा में रोजगार के अवसर तो बढ़ेंगे ही साथ ही तकनीकी और शैक्षणिक विकास भी होगा।
- आशीष सिंह, जीएम, इटॉस
परंपरागत क्लारूम कोचिंग कभी खत्म नहीं होने वाली, लेकिन कोटा के कोचिंग संस्थान अब ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश भर में कोटा कोचिंग्स की ऑनलाइन क्लासेज और स्टडी मटेरियल की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन टीचिंग के क्षेत्र में भी कोटा कई नवाचार कर रहा है। जिससे रोजगार के अवसरों के साथ साथ ब्रांड कोटा को भी चार चांद लगेंगे।
- नवीन माहेश्वरी, निदेशक, एलन
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
https://www.facebook.com/dr.vineetsingh