मेरे बाप चांहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं .... लेकिन नहीं बन सका.... इंजीनियर क्या खाक बनता इंटर में गणित की छह-छह किताबें देखकर पसीना आ जाता था.... सोचा इंजीनियर बाद में बनीयो बेटा... पहले रट्टा मार और पास हो जा... चलो कोई नहीं देर से ही सही हमारी सरकारें नौनिहालों के लिए कुछ सोचने तो लगीं... सबसे पहले देश के नौजवानों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई....फिर कपिल सिब्बल का हार्दिक आभार.... जिन्होंने हम जैसे यूपी और बिहार के छात्रों के लिए शिक्षा तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में समान अवसर प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार वर्ष 2013 से पूरे देश में विज्ञान और गणित संकाय के लिए 'एक राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा' आयोजित करने का इरादा बनाया....ताकि मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को सहूलियत हो सके..... वाकई ये सुखद खबर है... खासतौर पर पिछड़े राज्यों के छात्रों के लिए... पिछड़े से मेरा मतलब स्कूली शिक्षा के मामले में पिछड़ों के लिए... किन्तु एक सवाल भी है.... पूरे देश में सिलेबस तो समान होगा .... लेकिन कॉपी जांचने का तरीका कैसे एक जैसा करेंगे.... ताकि नम्बर समान आ सकें... यूपी में ठेके पर कॉपियां कैसे जंचती हैं किसी से छिपा नहीं है.... इसीलिए तो बच्चे अच्छे नम्बर पाने के लिए जांच देवता को कॉपी में रखकर नोट तक भेंट करने से नहीं चूकते.... वहीं दूसरी ओर क्या मास्टर साब उस सिलेबस को पढ़ाने लायक योग्यता रखते होंगे ... या साफ-साफ कहूं तो मास्टरों की मंसा होगी नये सिलेबस को पढ़ाने की... क्योंकि उसे पढ़ाने के लिए साब को पढ़ना भी होगा... और वो काम यूपी के मास्टरों से होने से रहा.... क्योंकि वो एक इसी काम को छोड़कर सबकुछ करने में माहिर हो चुके हैं.... चुनाव लड़ना लड़वाना है... वोटर लिस्ट बनानी है... और तो और अब राशन बंटवाने से लेकर किस गांव कितने पाखाने बने हैं का हिसाब भी मास्टर ही रखते हैं... लेकिन पढ़ाने का हिसाब यूपी में कोई नहीं रखता... कपिल सिब्बल जी सिलेबस तो समान कर रहे हैं... पढ़ाने और कांपियां जांचने का तरीका भी समान करा दें तो आपका एहसान यूपी के बच्चे तो कम से कम नहीं भूलेंगे .... एक एहसान और कर दीजिये.... गणित और विज्ञान के साथ साथ अंग्रेजी का सिलेबस और समान करा दीजिये ... पढ़ने और पढ़ाने की गारंटी के साथ.... कम से कम मेरी आने वाली पीढ़ी जरूर आपका एहसान मानेंगी.... क्योंकि .... सच कहूं मेरी अंग्रेजी निहायत खराब है... और इसकी जड़ यूपी की शिक्षा पद्धति और मेरे आदरणीय मास्टर ही रहे हैं.... एक बार मेरे निवेदन पर जरूर विचार कीजियेगा.... धन्यवाद ...कपिल सिब्बल जी... हार्दिक धन्यवाद...।
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