भर्ती में डोपिंग जांच का प्रावधान नहीं, महकमे में मचा हडकंप
दारोगा भर्ती पर डोपिंग का साया मंडराने लगा है। आरोप लग रहे हैं कि भावी दारोगा ताकत का इंजेक्शन लगाकर भर्ती की दौड़ नाप रहे हैं। मामला भर्ती बोर्ड तक पहुंचने के बाद पुलिस महकमे में हडकंप मचा है, लेकिन डोपिंग जांच का प्रावधान न होने के कारण अभी तक कोई आरोपी पकड़ में नहीं आ सका है। 1 सोमवार से मंडल मुख्यालयों पर शुरू हुई दारोगा भर्ती की शारीरिक परीक्षा में अभ्यार्थियों को एक घंटे में 10 किमी. की दौड़ पूरी करनी है। आधे से ज्यादा अभ्यर्थियों की दौड़ पूरी किए बिना ही सांस फूल रही है। कई की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल तक में भर्ती करना पड़ा है। बरेली के कुछ अभ्यार्थियों ने दौड़ में शामिल अन्य अभ्यर्थियों पर ताकत की प्रतिबंधित दवाओं के इस्तेमाल का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। युवकों का आरोप है कि तमाम अभ्यर्थी बॉडी बिल्डर्स और एथलीट के बीच लोकप्रिय स्टेराइड डेका ड्योराबोलिन का इंजेक्शन लगाकर दौड़ रहे हैं। इन युवाओं ने भर्ती बोर्ड को अपनी शिकायत भेजी है। आरोप लगाने वाले युवाओं की पैरवी में लखनऊ में तैनात वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी शिकायत से भर्ती बोर्ड और जिम्मेदार अफसरों को अवगत कराया है। शिकायत करने वाले अभ्यर्थियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया-पुलिस महकमे में तैनात पुलिस कर्मियों को दौड़ करने का समय नहीं मिला इसलिए शारीरिक परीक्षा को पास करने के लिए वह दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
डोपिंग टेस्ट का प्रावधान नहीं
पुलिस भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा में कोई अभ्यार्थी स्टेराइड का इस्तेमाल करके शामिल हो भी जाए तो उसे नहीं पकड़ा जा सकता। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भर्ती में डोपिंग टेस्ट का कोई प्रावधान ही नहीं है और ना ही ऐसा कोई नियम है जिससे स्टेराइड का इस्तेमाल करने वाले अभ्यर्थी को प्रतिबंधित किया जा सके।
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