पूरा देश चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार की राजनीति में डूबा रहा, लेकिन कोटा के बाशिंदों ने अभेद समझे जाने वाले उसी बाजार में सेंध लगा दी। साढ़े चार सौ साल के इतिहास में पहली बार कोटा डोरिया उत्पाद चीन की दीवार लांघ कर व्यापारिक नगरी गंगडोंग सिटी तक पहुंचने में न सिर्फ कामियाब हुए, बल्कि चाइनीज लोगों के दिलों पर भी छा गए। हाल ये रहा कि बुनकर कोटा में जो माल तैयार करके ले गए थे, पहले ही दिन बिक गया और अगले चार दिनों की बुकिंग भी हो गई।
उरी हमले के बाद पाकिस्तान का साथ देने के आरोप में चीन ऐसा घिरा कि पूरे देश में उसके उत्पादों का विरोध शुरू हो गया। चाइनीज माल बिक रहा है या नहीं, यह बहस का मुद्दा हो सकता है, लेकिन राजनीतिक दलों ने विरोध की बहस को भारतीय बाजारों की गलियों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विरोध तो कोटा में भी हुआ, लेकिन यहां के बुनकरों ने ईंट का जवाब पत्थर से देने की ठान ली। चीन की व्यापारिक नगरी गंगडोंग में हर साल आयोजित होने वाले बुनकर सम्मेलन और हेंडलूम एक्सपो के आयोजन की खबर लगी तो बड़ी ही खामोशी से चीन की दीवार में सेंध लगाने की योजना बना डाली। कोटा डोरिया के जन्म के 450 साल बाद पहला मौका था जब कोटा डोरिया ने चीन तक पहुंचने में सफलता हासिल की। इतना ही नहीं बुधवार को जब पांच दिवसीय बुनकर एक्सपो का आगाज हुआ तो धमाकेदार शुरूआत भी की।
पहले ही दिन डर हुआ काफुर
चीन में आयोजित बुनकर एक्सपो में हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे बोरखेड़ा के इरफान बताते हैं कि वे चीन जाने से पहले बेहद सहमे हुए थे। डर था कि कहीं सस्ते उत्पाद बनाने वाले मुल्क में कोटा डोरिया की बारीक डिजाइन और मंहगे हुए कपड़े को कोई पसंद करेगा या नहीं, लेकिन एक्सपो का उदघाटन होने के बाद वो उस वक्त हैरत में पड़ गए जब चाइनीज लोगों ने न सिर्फ कोटा डोरिया उत्पादों को सराहा बल्कि तैयार माल पहले ही दिन बिक गया। हालत यह थी कि चार दिनों के लिए बुकिंग कराने वालों का तांता लग गया और साथ में गए कारीगरों को वहीं माल तैयार करने में जुटना पड़ा। गंगडोंग पर छाया कोटा का दुपट्टा इरफान बताते हैं कि साडिय़ों के बाद चीन के लोगों को कोटा डोरिया का बना दुपट्टा और चुन्नी खासे भाए। हालत यह रही कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, इंग्लैण्ड और जापान के बुनकर तक कोटा डोरिया उत्पाद खरीदने के लिए जुटे रहे। महिलाओं को गहरे रंग के दुपट्टे सबसे ज्यादा पसंद आए।
वित्त मंत्री ने दी शाबासी
कोटा डोरिया उत्पादों को चीन तक पहुंचाने की योजना बनाने वाले पूर्व केंद्रीय कपड़ा मंत्री और फिलहाल केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे संतोष गंगवार ने इरफान समेत कोटा डोरिया के बुनकर को चाइनीज बाजार में सेंध लगाने के लिए शाबासी दी है। उन्होंने कहा कि विरोध से ज्यादा जरूरी है मुकाबला। जब भारतीय कारीगर और उत्पादक चीनी माल का मुकाबला करने में सक्षम हो जाएंगे तो चाइना को नया बाजार तलाशना ही पड़ेगा। अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकारों को उनकी मजबूतियों को पहचान कर प्रोत्साहित करना ही होगा, तभी विरोध का असर दिखेगा।
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