राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक अब महज समाज में सेवा की अलख ही नहीं जगाएंगे, बल्कि प्रधानमंत्री के 'विशेष दूत के तौर पर भी काम करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय जनहित की बड़ी योजनाओं के प्रचार-प्रसार से लेकर इन छात्रों से योजनाओं की कमियों और असफलताओं की वजह भी पता करवाएगा। मोबाइल और मेल के जरिए पीएमओ इनसे सीधा जुड़ेगा।
एनएसएस का काम अभी तक कॉलेज और विवि स्तर पर छात्रों को समाज सेवा से जोडऩे और सामाजिक जागरूकता के लिए ही सीमित रहा है, लेकिन अब एनएसएस का दायरा व्यापक होने जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय इन छात्रों के जरिए राष्ट्रीय विकास से जुड़ी सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं की मॉनीटरिंग करवाएगा। योजनाओं के क्रियान्वयन और संचालन में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो यही छात्र उसकी असल वजह पता कर प्रधानमंत्री को बताएंगे। इतना ही नहीं योजना की सफलता के दावों की जांच भी पीएमओ के इन्हीं विशेष दूतों के कंधों पर होगा।
मांगी जानकारी
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने एनएसएस की सभी राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों को आदेश जारी किया है कि वह 15 अक्टूबर तक कॉलेज और विवि स्तर पर गठित एनएसएस यूनिटों में शामिल छात्र स्वयंसेवकों का नाम, पता, मोबाइल नम्बर और ई-मेल आईडी आदि का डाटा एकत्र कर युवा मामलों के मंत्रालय या फिर पीएमओ भिजवा दें। जहां डाटा मिलते ही इन छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक पोर्टल पर सदस्य के रूप में पंजीकृत कर लिया जाएगा।
निगरानी की रणनीति
एनएसएस के जरिए सरकारी योजनाओं की निगरानी का तरीका तलाशने के बाद मंत्रालय इस बाबत रणनीति बनाने में जुटा है। इसके लिए 18 अक्टूबर को मंत्रालय ने एनएसएस निदेशकों और राज्य समन्वयकों की दिल्ली में बैठक भी बुलाई है। इसमें डीजी सेवक तैनात करने और एनएसएस को पाठ्यक्रम के तौर पर पढ़ाए जाने के निर्देशों की पालना स्थिति जानने से लेकर पीएमओ की आगामी रणनीति को लेकर चर्चा होगी। राजकीय महाविद्यालय कोटा एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विजय पंचोली ने बताया कि एनएसएस की सभी इकाइयों से जुड़े छात्रों का रिकॉर्ड प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जा रहा है। इसके बाद यह छात्र प्रधानमंत्री कार्यालय से सीधे जुड़ जाएंगे।
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