कॉलेज और विश्विद्यालयों की कैन्टीनों और हॉस्टल के मैस में अब छात्रों को हाइजेनिक फूड परोसना होगा। इसके लिए विश्वविद्यालयों को मॉनीटरिंग सेल बनानी होगी और लापरवाही करने वाले कैंटीन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई भी करनी होगी। कैंटीन और मैस चलाने के लिए संचालकों को पहले खाद्य लाइसेंस लेना होगा।
बच्चों में मोटापा घटाने और उन्हें स्वास्थ्यवर्धक पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों की कैंटीन में खाने-पीने के सामानों की सूची जारी करने के बाद यूजीसी ने यह एक और बड़ा कदम उठाया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया है कि उन्हें अपनी और संबद्ध महाविद्यालयों की कैन्टीन के साथ ही हॉस्टल के मैस में हाइजेनिक फूड ही परोसना होगा। फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड लाइंसेंस के बिना किसी तरह का खाद्य पदार्थ नहीं बेचा जा सकेगा।कोटा विश्वविद्यालय की तरह पेटी कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कैंटीन संचालकों पर भी यूजीसी ने पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया है। यूजीसी के निर्देशों के मुताबिक लाइसेंस धारक कैंटीन और मैस संचालक सिर्फ अपने तय स्टाफ से ही कैंटीन का संचालन करा सकता है, लेकिन वह ठेका लेने के बाद किसी बाहरी व्यक्ति को उसका संचालन नहीं सौंप सकता। ऐसा करने पर उसके खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट (लाइसेंस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ फूड बिजनेस) 2009 और 2011 के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन और खाद्य विभाग को कार्रवाई करनी होगी।
करनी होगी मॉनीटरिंग, देना होगा प्रशिक्षण
कैन्टीन और मैस में छात्रों को सुरक्षित और पौष्टिक खाना मिल रहा है यह सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालयों को मॉनीटरिंग सेल गठित करना होगा। जो न सिर्फ विवि परिसर बल्कि उससे संबद्ध सभी महाविद्यालय परिसरों में भी इसकी जांच करेगा। यदि कहीं कोई कमी मिलती है तो तत्काल कार्रवाई करने की भी जिम्मेदारी इसी सेल की होगी। इसके साथ ही यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया है कि यदि उनके यहां कैंटीन चलाने वाला स्टाफ प्रशिक्षित नहीं है तो इसके लिए वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिलकर फूड सेफ्टी एंड स्टेंर्डड ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) से फूड हाइजीन का प्रशिक्षण भी दिलाएं। जिन विश्वविद्यालयों में कैंटीन और मैस का संचालन विवि प्रशासन कर रहा है उनके लिए यह प्रशिक्षण अब अनिवार्य होगा।
बदहाल है व्यवस्था
कोटा में पांच में से सिर्फ दो विश्वविद्यालयों कोटा विवि और राजस्थान तकनीकि विवि में कैंटीन की व्यवस्था है, लेकिन दोनों ही जगहों पर ठेका हासिल करने के बाद ठेकेदार ने संचालन किसी बाहरी व्यक्ति को सौंप रखा है। इनके पास खाद्य सुरक्षा के लाइसेंस नहीं हैं। वहीं आठ राजकीय महाविद्यालयों में से सिर्फ जेडीबी कन्या महाविद्यालय में ही कैन्टीन है। इस कैंटीन के संचालक के पास न तो फूड सेफ्टी का लाइसेंस और ना ही ठेकेदार खुद कैंटीन चला रहा है।
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