हर बार की तरह इस बार भी एक और चुनाव निपट गया... अकर्मण्य राजनेताओं और निष्क्रिय राजनीतिक दलों को मुंह की खानी पड़ी तो उन्होंने अपने गुनाहों के पत्थर ईवीएम रूपी शैतान पर फैंकने शुरू कर दिए... ये वही शैतान है जिसने इनकी बूथ कैप्चरिंग की क्षमता छीन कर नपुंशक बना दिया है।
राजनीति के पंडितों के बड़ी उम्मीद थी कि जनता नोटबंदी और व्यापारी जीएसटी की भड़ास चुनावी बटन दबाकर निकालेंगे, लेकिन जब परिणाम आए तो उनका गणित चारों खाने चित्त हो गया। उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगमों में से 14 पर सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने फिर से कब्जा कर लिया। वहीं पांच साल पहले तक सत्ता में रही समाजवादी पार्टी हाथ मलती ही रह गई। टीपू भैया का एंग्री यंगमैन अवतार भी किसी काम न आ सका। जबकि दौलत की देवी और जातिवाद की मसीहा जैसे तमाम आरोप झेलने वाली मायावती ने 2 सीटों पर कब्जा कर अपनी मौजूदगी का अहसास कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उत्तर प्रदेश नगर निगम और निकायों के नतीजे आते ही मानों सोशल मीडिया में कोहराम मच गया हो। किसी में यह कहने की हिम्मत तो थी नहीं कि सालों से तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले दल नए तुष्टीकरण के भंवर में फंस कर नेस्तेनाबूत हो गए और ना ही यह कहने की हिम्मत थी कि धर्म और जाति में बंटी उत्तर प्रदेश की राजनीति की धुरी एक नए धार्मिक जुटान पर जुट गई है।
अब ऐसे में दिमागी खलल और हाथ की खुजली मिटाने के लिए ट्रोलर्स ने निरीह ईवीएम को शैतान साबित कर दिया और अपनी भड़ास के सारे पत्थरों का रुख उस ओर मोड़ दिया। अवनिन्द्र यादव नाम के शख्स ने तो यहां तक लिख दिया कि झांसी, बरेली, फिरोजाबाद और सहारनपुर में जीते हुए सभी प्रत्याशियों को 12,784 वोट मिले हैं। फिर क्या था कमअक्ल लोगों ने स्टेटस कॉपी पेस्ट कर धड़ाधड़ अपलोड करना शुरू कर दिया। सबसे ज्यादा हैरानी तो मित्र और कांग्रेस नेता आशुतोष शर्मा जी का मैसेज पढ़ कर हुई... यूपी में नगर पंचायत सदस्य का चुनाव बैलेट पेपर से, कुल पद- 5434,निर्वाचन -परिणाम- 5390,भाजपा जीती-662, भाजपा हारी-4728...
सालों से राजनीति कर रहे हैं और मेरे बेहद घनिष्ठ भी हैं। ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल लगाने की मांग को लेकर जब में सुप्रीम कोर्ट गया था, तो हर पल हौसला बढ़ाते रहते थे, लेकिन सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे मैसेज को कॉपी-पेस्ट कर वॉल पर चिपकाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा कि जनाब... देहात के चुनावों में भाजपा की हैसियत पहले भी वही थी जो इस चुनाव में है और शहर में होने वाले चुनावों में आज भी वही हैसियत है जो पहले थे।
भारतीय जनता पार्टी की चुनावी हैसियत में इजाफा होने की वजह राजबब्बर का गाजियाबाद में दिया गया वह बयान साफ करता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ये तो आम कार्यकर्ताओं का चुनाव है, इसमें बड़े नेता कहां दिलचस्पी लेते फिरें... जब कार्यकर्ताओं के चुनाव में बड़े नेताओं को दिलचस्पी है ही नहीं तो नतीजों की समीक्षा क्यों कर रहे हो भाई। पिछले 10 साल में मायावती कहां और कितनी बार दिखीं... अखिलेश चुनाव हारने के बाद जनता की मुसीबत को कम कराने के लिए कितनी बार सड़कों पर उतरे... कांग्रेस का हाल राजबब्बर ने बयां कर दिया... ऐसे में भाजपा ने ये चुनाव गंभीरता से लड़ा था... क्योंकि उनके लिए आम कार्यकर्ता नहीं सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की इज्जत का सवाल था। अब यह अलग बात है कि इसके लिए उन्होंने भले ही सूबे में बन रहे नए धार्मिक ध्रुवीकरण का रंग और चटख किया या पैसा पानी की तरह बहाया। ईवीएम को गरियाने की बजाय यूपी नगर निकाय चुनावों की विजेता भाजपा ही है यह सभी को मानना होगा।
भाजपा यदि ईवीएम को हैक करा सकती तो मेरठ और अलीगढ़ को हाथ से नहीं निकलने देती। क्योंकि इन दोनों शहरों की धार्मिक राजनीति से वह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मैनेज करती है। इसलिए फेसबुकियों से करबद्ध अनुरोध है कि कोई मांग करनी ही है तो हर चुनाव में ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल मशीन लगाने की करो... ताकि तुम्हारा भ्रम दूर हो सके, न कि ईवीएम को निकाल फेंकने की।
आंकड़े देखना ना भूलें...
- झांसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी रामतीर्थ सिंघल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के बृजेन्द्र कुमार व्यास को 16,376 मतों से शिकस्त दी।
- फिरोजाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी नूतन राठौर ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी आॅल इण्डिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन की मसरूर फातिमा को 42,396 मतों से मात दी।
-सहारनपुर नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी संजीव वालिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के फजल उर्रहमान को 1996 मतों के सबसे कम अंतर पर शिकस्त दी।
- बरेली नगर निगम महापौर के पद के लिए भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम ने पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर को 16,912 वोटों से हराया।
- अयोध्या-फैजाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी ऋषिकेश जायसवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी सपा की गुलशन बिंदू को 3601 मतों से मात दी।
- वाराणसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी मृदुला ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की शालिनी को 78,843 मतों से हराया।
- मुरादाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी विनोद अग्रवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान कुरैशी को 21,635 मतों से मात दी।
- अलीगढ़ नगर निगम महापौर पद पर बसपा प्रत्याशी मुहम्मद फुरकान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के राजीव कुमार को 10 हजार 11 मतों से हराया।
- नवगठित मथुरा नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोहन सिंह को 22,108 मतों से हराया।
- गोरखपुर नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी सीताराम जायसवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राहुल को75,972 मतों से पटखनी दी।
- लखनऊ में इतिहास रचने वाली पहली महिला मेयर संयुक्ता भाटिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी की प्रत्य़ाशी मीरा वर्धन को 1,31,356 मतों से करारी शिकस्त दी।
- कानपुर में प्रमिला पांडेय ने कांग्रेस प्रत्याशी वंदना मिश्रा को 1,26,894 मतों से सबसे बड़ी शिकस्त दी है।
- गाजियाबाद में बीजेपी की आशा शर्मा ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की डॉली शर्मा को 1,63,641 मतों से मात दी।
- मेरठ में बसपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कांता कर्दम को 29,582 वोटों से हराया।
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